झूठे सच्चे ख्बाव दिखाना अच्छी बात नही होती
किसी को सारी रात जगाना अच्छी बात नही होती,
कभी किसी शब याद में आँखे नम हो जाएं चलता है
रोज़ रोज़ तकिये को भिगाना अच्छी बात नही होती,
पूनम की है रात नहा मत दरिया में…
यूँ पानी मे आग लगाना अच्छी बात नही होती
वो जो तुमको देख देख के जीता है….
जानां उस से आँख चुराना अच्छी बात नही होती
तूफाँ मे जो फस जाए तो कश्ती की मजबूरी है
जानबूझ कर नॉव डुबाना अच्छी बात नही होती
“वाशु” तुम तो समझदार हो,काम अक्ल से लिया करो
हर बात दिल पर ले जाना अच्छी बात नही होती
-वाशु पांडेय