June 07, 2020 0Comment

जिनसे मेरे जीवन में खुशियां आईं

मेरे पिता, मेरी परछाईं
जिनसे मेरे जीवन में खुशियां आईं।

मुझे छांव में बैठाकर खुद,
धूप में मेहनत करते हैं पिता।

मां रसोई संभालती है तो,
हमारी जरूरतों को पूरा करते हैं पिता।

प्यार न दिखाकर भी,
सबसे ज्यादा प्यार करते हैं पिता।

मां ममता का सागर है तो,
जीवन का सहारा है पिता।

छोटी-छोटी मुश्किलों में मां याद आती है,
परंतु बड़ी-बड़ी परेशानियों में पिता ही याद आते हैं।

जेब खाली हो चाहे फिर भी,
हमारी जिद को पूरा करते हैं पिता।

दुनिया में पिता से ज्यादा अमीर न कोई,
इसलिए मेरे पिता, मेरी परछाईं।

-प्रेमा बोरा, एक्सपोंसियल हाईस्कूल बिंदुखत्ता।

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gtripathi

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