बात आती है जब ममता की जिक्र मां का होता है।
जब वेदना में हों बच्चे व्याकुल पिता भी तो होता है।।।
ख्वाहिश रखी जो कुछ मैंने उसे ना तुम ने ठुकराया।
दिखी है आपके चेहरे पे हंसी जब कभी मैं मुस्काया।।
मेरा रुतबा,मेरी शान व मेरा अभिमान हो आप।।
आप हो तभी मैं हूं,मेरा गुरूर व सम्मान हो आप।।
सारे रिश्ते हैं दिखावे के तुम जैसा जग में ना दूजा।।
चरणों में हैं तुम्हारे चारों धाम,है यहीं सबसे बड़ी पूजा।।
स्थिति थी गरीबी की,फिर भी किया हर सपना पूरा।।
पिता के बगैर रह जाता है घर परिवार अधूरा।।
पिता का साथ होना किसी हीरो से कम नहीं होता।।
पिता के रहते कोई कुछ बिगाड़े, किसी में दम नहीं होता।।
पिता का प्यार व आशीर्वाद,है अनमोल खजाना।।
बाप बेटे का रिश्ता ऐसा हो मिसाले देता रहे जमाना।।
लिख सकूं कुछ और बारे तेरे,इतनी मुझ में शक्ति नहीं।
जो आपकी सेवा से बड़ी हो जग में ऐसी भक्ति नहीं।।
-विजय गंगोला, सौरभ होटल परिसर हल्द्वानी