मेंरे पापा मेरे परछाई,
आपने जब भी मेरी सहायता की
हमेशा सफलता ही पाई।
मेरे पापा मेरे परछाई,
आपके साथ होने से
कभी ना आई,
कोई भी कठिनाई।
मेरे पापा मेरे परछाई,
ना जाने कितनी बार आपसे डांट खाई,
लेकिन बादमें सबसे पहले गले भी आपने ही लगाई।
मेरे पापा मेरे परछाई,
दौड़ते वक्त गिरने से मुझे आपने ही बचाई।
मेरे पापा मेरे परछाई,
हां मानती हूं मै सबसे ज़्यादा आपसे ही झगरती हूं, आप भी तो करते हो मुझसे लड़ाई,
लेकिन फिर भी
सबसे ज्यादा प्यार भी आपसे ही मैने पाई।।
मेरे पापा मेरे परछाई
देखी मेंने लोगो को दूर चले जाते हुए,
लेकिन आपको हमेशा अपने साथ ही पाई
मेरे पापा मेरे परछाई।
-मृत्तिका घोष, आर्यमान विक्रम बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ लरनिंग