February 12, 2018 7Comments

एक होली भी हम संग मना लीजिये

एक होली भी हम संग मना लीजिये ।
मेरे हाथों से कुछ रंग लगा लीजिये ।।
गुलालों की ये खुशबू महकने लगी,
रंग गालो की अब तो चमकने लगी,
हाथ हम जो पकड़ ले तो क्या कीजिये,
एक होली भी हम संग मना लीजिये ।
मेरे हाथों से कुछ रंग लगा लीजिये ।।
हाथ हाथो से बिल्कुल न छूटेगी अब,
प्यार का रंग बिल्कुल न छूटेगी अब,
हमको भी इस रंग में रंगा दीजिये,
एक होली भी हम संग मना लीजिये ।
मेरे हाथों से कुछ रंग लगा लीजिये ।।
इस होली में मेरी तु हो जायेगी,
जब ये दुनिया नशे में सो जायेगी,
अब तो इकरार ऐ मोहब्बत कर लीजिए,
एक होली भी हम संग मना लीजिये ।
मेरे हाथों से कुछ रंग लगा लीजिये ।।
आओ होली में मिलके झूमें सनम,
एक दूजे को रंग से रंगाये सनम,
मांग रंगों से भर दु तो क्या कीजिये,
एक होली भी हम संग मना लीजिये ।
मेरे हाथों से कुछ रंग लगा लीजिये ।।
“दिनेश ढाली”
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gtripathi

7 comments

  1. Lovely poetry #दिनेश..

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  2. Aswm lines bhai dil Chu gyi

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  3. Wah…..Dinesh bahut khoob dil chhu gya

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  4. वाह…दिनेश भाई मज़ा आ गया

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  5. Very nice dinesh ji
    Realy its beautiful song

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  6. Nice poem sir
    And I have found you as a good person.

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  7. Keep it up Dhali ji
    Very nice poem

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