धरा गगन के प्यार दुलार की
अनूठी ये मिशाल.
भारत माँ ने पाया
उत्तराखंड सरीखा लाल.
भेजा है गिरिराज ने
संदेशा बधाई का .
लेकर आया है जिसे
चंचल झोंका पुरवाई का.
रुनक झुनक सुर सरिता नाचे
दे दे लहरों की ताल.
भारत माँ ने….सरीखा लाल
रत्नाकर ने भेजा है
सुंदर रत्नों का हार.
दिग्बधुऐं आने लगी
करने सोलह श्रृँगार.
सौंदर्यराशि सत् सत् विखेरती
इँद्रधनुषी जाल.
भारत माँ ने ….सरीखा लाल.
सूरज दादा ने भेजा है
किरणों का रथ नभ से.
चँदा मामा ने आलोकित
किया घर आँगन कब से.
तारिकाऐं बुन रही
झिलमिल सुंदर शाल.
भारत माँ ने …..सरीखा लाल.
बादलों ने भेज दिया था
अग्रिम संदेश.
जनम दिन तक चले जाऐं
शायद हम विदेश
फिर तो आना हो सकेगा
आने वाले साल .
भारत माँ ने ….सरीखा लाल.
पँचतत्व ने भी भेजी है
लख लख अशीषा.
सर्वश्रेष्ठ बनना तू जग में
न हो कोई तेरे जैसा.
निज प्रयत्न से करना उन्नत
भारत माँ का भाल .
भारत माँ ने पाया
उत्तराखंड सरीखा लाल.