June 07, 2020 0Comment

ईश्वर के वरदान हैं ये

ईश्वर के वरदान हैं ये,
सभी गुणों में महान हैं ये,
इनका हरपल सम्मान करो,
न कभी तुम अपमान करो।

मेरा अभिमान हैं पिता,
मेरा सम्मान हैं पिता,
मेरी ताकत मेरी पूजा,
मेरी पहचान है पिता।

इनका स्थान कोई न ले पाए,
इनके बिना परिवार न चल पाए,
जीवन के सारे सुख छिन जाएं,
जब घर आए खुशियां ही खुशियां लाएं।

जब मैं अकेला रह जाउं
मुसीबत देखकर मैं डर जाउं,
तब आते हैं पापा बनकर मेरा साया,
जिससे पलट जाती है मुसीबतों की काया।

जो हर काम को करने में हो सबसे आगे,
तबियत खराब होने में जो रातों में जागे,
और जिसके सच्चे होते हैं हर वादे,
वह पिता होते हैं, सबसे आगे।

-वेदांत दनाई, हड़िया गांव, भीमताल

Social Share

gtripathi

Write a Reply or Comment