June 07, 2020 0Comment

आपकी याद आ ही जाती है पापा

चाहे कितने भी पास या दूर हूं मैं,
आपकी याद आ ही जाती है पापा।
रात की नींद में,
सपनों के बीच में
आंखें ढूंढें तुम्हें
ये कैसा नाता है।
न कर्ज में डूबता है, न कोई बचता है।
न कोई हारा है, न कोई जीता है।

खुशी होती थी मुझे,
खुश होया करते थे तुम।
लग जो जाए मुझे
दर्द तुम्हे होता पापा।
कोई कुछ कहे मुझे,
लड़ने तुम आते थे।
जो नींद न आती मुझे
रात भर सो न पाते थे।
-डाॅली माहरा, जीजीयूपीएस मेहरोरा

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