हर कोई मां के बारे में लिखता है,
आज पापा आपके बारे में लिखना है।
मां की छाया में आपका जिक्र नहीं होता,
पर हर काम ऐसा जो आपके बिना न होता।
भरी धूप, धूल, मिट्टी में अपना तन जलाया
आपका बच्चों पर हमेशा रहा साया।
पिता ही है ऐसा भगवान।
आज बताता हूं इनके बारे में सुनना ध्यान से
चले गए नौकरी करने करके मां को वादा
करना इनकी इच्छा पूरी, चाहे अपना जीवन सादा
समय-समय पर फोन करके पूछते मां, बच्चों का हाल
अगर आप न होते कौन रखता सबका ख्याल
जितनी थी ख्वाहिश आपने की सब पूरी
कितने दिन आप सोए भी नहीं नीद पूरी
दिलाए नए कपड़े, खिलाया पसंद का खाना
आपने बिताए होंगे कई दिन बिना खाए खाना
जब पेपर खराब जाता, दिल आपको याद करता
आप बोलते कुछ नहीं होता, मुझे तुझ पर है भरोसा
महंगा फोन, कार, बाइक सब दिलाया आपने
हमें कभी पता न चला ये सब दिलाने को क्या-क्या किया आपने
हम तो बस मांगते रह गए, ये-वो दिलाओ
पापा अपने जीने का अंदाज, कुछ हमें भी सिखाओ
फटे कपड़े, चप्पलों के तलवे भी घिस गए
आप हमें खुश करने के लिए, कितना बदल गए
हर मुसीबत में दिया साथ कभी न छोड़ा साथ
दुख हो जिससे न करूंगा ऐसा काम, आज खाता हूं सौगंध
हर कोई मां के बारे में लिखता है
आज पापा आपके बारे में लिखना है।
-कोमल कलखुड़िया, गर्वमेंट डिग्री काॅलेज टनकपुर