पापा परिवार की आस हैं,
पापा एक विश्वास है,
संघर्ष की आंधियों में,
मेहनत के तूफानों में,
सदा चमकने वाले चिराग हैं।
परिवार की खुशी और बच्चों की जरूरतें,
पूरी करने की रहते हरदम तैयार।
भले ही हो कितनी परेशानी,
पर रखते चेहरे पर एक प्यारी मुस्कान है।
पापा है तो सारे खिलौने अपने हैं,
वो पूरे करते सारे सपने हैं,
पिता के प्यार को शब्दों में नहीं नाप सकते,
वह मेरी पूरी दुनिया है।
हर कोई अपने ईश को पूजे,
मेरे भगवान पापा हैं।
-याशा कबड़वाल, निर्मला काॅन्वेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल हल्द्वानी