June 10, 2020 4Comments

पग पग साथ निभाया

पिताजी आपने परछाई बनकर,
पग पग साथ निभाया।
मैं तो था एक शून्य मात्र,
मुझे पहचान दी और नाम दिया।।
मैं था बस ढेर माटी का,
मुझको आकार दिया।
हर मोड़ पर मार्गदर्शित कर,
मुझे एक पात्र बना दिया।।
निश्चित ही माता ने जन्म दिया,
लाड़ प्यार भी खूब किया।
परंतु आपकी फटकार ने,
मुझे अनुशासित इंसान बनाया।।
कभी फटकार कर तो कभी,
अपने अनुभवों से दी सीख।
मेरे जीवन में आपने,
एक गुरु का भी किरदार निभाया।।
परिवार की खुशियों का बोझ,
खुद के कांधे पर लाद लिया,
आपकी मेहनत और त्याग ने,
मुझे जीना सिखा दिया।।

-प्रेमा आर्या, नैनीताल

Social Share

gtripathi

4 comments

  1. बहुत खूब लिखा है

    Reply
  2. Nice lines, amazinggg

    Reply
  3. superb

    Reply
  4. Very good prema you wrote very well about Father …..keep it up!!

    Reply

Write a Reply or Comment