मनुष्य है, ईमान कर
खुदा भी है, खुदा से डर
सच्चाई की तू राह पर,
सदैव चल, सदैव चल
आंधी से भी तेज चल,
पहाड़ों को भी चीर कर।
कर्म कर, तू कर्म कर
मनुष्य है ईमान कर………।
डर न, थम न, रूक न तू,
झूठ के आगे झुक न तू
पथ पर आने वाली बाधा।
निडर होकर पार कर,
मनुष्य है ईमान कर
खुदा भी है, खुदा से डर।
गलतियां अनेक कर, पर उनसे भी कुछ सीख ले
जिंदगी की राह पर, तू ढंग से चलना सीख ले।
मनुष्य है परमार्थ कर, चुनौतियां स्वीकार कर
बस एक ही तू लक्ष्य रख, सदैव चल…।
-अभिलाषा अरोरा, 9 बी
आरएएन पब्लिक स्कूल, रूद्रपुर
March 13, 2020
अति सुन्दर