अंतर होता है थक के बैठने में और हार के बैठने में
गलती न कीजिएगा हुजूर अंतर पहचानने में
थक कर बैठा, फिर उठ खड़ा हो सकता है
और चाहने से पाने तक का सफर मुकम्मल कर सकता है
अंतर होता है खेल से हारने में और मन से हारने में
गलती न कीजिएगा हुजूर अंतर पहचानने में
खेल से हारा, नया खेल खेल सकता है
मन से हारा, केवल हजार बहाने खोज सकता है
अंतर होता है चाह कर करने में और चाहा हुआ करने में
गलती न कीजिएगा हुजूर अंतर पहचानने में
चाह कर करने वाला, इतिहास रचता है
चाहा हुआ करने वाला, गुलामी करता है।
-ज्योति आर्या, महिला डिग्री काॅलेज हल्द्वानी